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Showing posts from January 29, 2017

Suja Rajpurohit (सुजाकंवर) वीरांगना सुजा कंवर के बलिदान का इतिहास

इस भारत की बेटी का इतिहास मुझे राजपुरोहित समाज के खोजकर्ताओ द्वारा प्राप्त हुआ हमारे भारत के स्वाधीनता संग्राम में लड़े गये ऐसे कई वीर वीरांगना हैं जिनका इतिहास से याँ तो मिटा दिया गया हैं एक नापूंसक हिन्दू समाज की निर्माण हेतु ऐसे अदम्य साहस से परिपूर्ण वीर गाथाओं को इतिहास में सम्मिलित नहीं किया गया हैं वैसे ऐसी वीरांगना किसी समाज विशेष के लिए नहीं लड़ी थी अंग्रेज़ साम्राज्य के खिलाफ भारत की स्वतंत्र के लिए लड़ी थी हम भारतवासियों का कर्त्तव्य हैं ऐसी वीरांगनाओं के इतिहासों को पाठ्यक्रमो में उपस्थित करने की मांग उठाये । Suja Rajpurohit (सुजाकंवर) वीरांगना सुजा कंवर के बलिदान का इतिहास सुजा राजपुरोहित {1837-1902} मारवाङ की वीरागंना जिसने 1857 के प्रथम स्वाधीनता संग्राम मेँ मर्दाने वेश मेँ हाथ मेँ तलवार और बंदूक लिए लाडनू मेँ अँग्रेजोँ की सेना को पराजित किया  1857 से शुरू होकर 1947 तक चला आजादी का आंदोलन तब पूरा हुआ, जब 15 अगस्त 1947 को देश अंतत: परतंत्रता की बेडि़यों से मुक्त हुआ। इस लंबे आन्दोलन में राजस्थान के योगदान की इतिहास के पन्नों में कोर्इ चर्चा नहीं मिलती। आजादी...

अनमोल रतन आदमी वह ठीक हैं जिसका इरादा ठीक है …

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अनमोल रतन आदमी वह ठीक हैं जिसका इरादा ठीक है … 1) आध्यात्मिक विकास की सबसे बडी बाधा मनुष्य के अहंकार पूर्ण विचार ही है। —————- 2) आध्यात्मिक साधनाएँ बरगद के वृक्ष की तरह घीरे-धीरे बढती हैं, पर होती टिकाउ है। —————- 3) आध्यात्मिक वातावरण श्रेष्ठतर मानव जीवन को गढने वाली प्रयोगशाला है। —————- 4) आधा भोजन दुगुना पानी, तिगुना श्रम, चैगुनी मुस्कान। —————- 5) आकांक्षा एक प्रकार की चुम्बक शक्ति हैं, जिसके आकर्षण से अनुकूल परिस्थितियाँ खिंची चली आती है। —————- 6) आप ढूँढे तो परेशानी का आधा कारण अपने में ही मिल जाता है। —————- 7) आपका व्यवहार गणित के शून्य की तरह होना चाहिये, जो स्वयं में तो कोई कीमत नहीं रखता लेकिन दूसरो के साथ जुडने पर उसकी कीमत बढा देता है। —————- 8) अज्ञान ही वह प्रधान बाधा हैं, जिसके कारण हम अपने लक्ष्य की ओर नही बढ पाते है। —————- 9) अज्ञान से मुक्ति ही सबसे बडा पुरुषार्थ हैं, सारे कर्मो का मर्म है। —————- 10) अज्ञानी रहने से जन्म न लेना अच्छा हैं, क्योंकि अज्ञान सब दुःखों की जड है। —————- 11) अज्ञानी दुःख को झेलता हैं और ज्ञानी दुःख क...

'आक्रमण के हथियार बदल गए हैं-3

'आक्रमण के हथियार बदल गए हैं-3   मुझे ठीक से याद नही आ रहा,उस दिन कौन सा चैनल था और कौन सा कार्यक्रम।क्योकि मैं यहां का कोई कार्यक्रम नही देखता।किसी के घर पर टीवी चल रही थी बस अचानक नजर पड़ गई। मुम्बई की एक मशहूर कोरियोग्राफर,और निदेशक फरहा खान हैं।मोहतरमा किसी चीप से ऐक्टर की नजदीकी के नाते ज्यादा जानी जाती हैं।उस कार्यक्रम की घटना में थोबड़ा पर नजर पड़ी तो बाद में मैं ने यह सब पता किया।  "कोई नाच-गाने का  चल रहा था।शायद आडिशन 'शो,टाइप का प्रोग्राम था।वह जज थीं और नाचने को लेकर वह कमेंट कर रही थीं।उनका वाक्य सुनिये...(इसी पर मेरा ध्यान गया था। ""क्या पूजा-पाठ की म्यूजिक चला रहे हो...भजन थोड़े ही करेंगे??,, मैं अवाक, हिम्मत देखिये जरा! जरा मस्जिदों से पांच बार गूंजती अजान या चर्च की शोर मचाती घण्टियों को लेकर इस तरह का एक सार्वजनिक कमेंट कर दें।असली सेकुलरिज्म...!! आपने कभी क्लासिकल(शास्त्रीय संगीत)म्यूजिक सुना ही होगा।अंत:नाद की तरफ ले जाते स्वर होते हैं।वह हजारो साल की सनातन प्रवाह के आत्म-स्वर थे जो हिन्दू जीवन पद्धति को आत्मबल देते हैं। मूलतः भारतीय...

आक्रमण_के_हथियार_बदल_गए_हैं--2

#आक्रमण_के_हथियार_बदल_गए_हैं--2   यह घटना एक परिचित के साथ घटी थी,उन्होंने बाद में सुनाया था। जब गृह प्रवेश के वक्त मित्रों ने नए घर की ख़ुशी में उपहार भेंट किए थे।अगली सुबह जब उन्हेंने उपहारों को खोलना शुरू किया तो उनके आश्चर्य का ठिकाना नहीं था!   एक दो उपहारों को छोड़कर बाकी सभी में लाफिंग बुद्धा, फेंगशुई पिरामिड, चाइनीज़ ड्रेगन, कछुआ, चाइनीस फेंगसुई सिक्के, तीन टांगों वाला मेंढक, और हाथ हिलाती हुई बिल्ली जैसी अटपटी वस्तुएं भी दी गई थी।जिज्ञासावश उन्होंने इन उपहारों के साथ आए कागजों को पढ़ना शुरू किया जिसमें इन फेंगशुई के मॉडलों का मुख्य काम और उसे रखने की दिशा के बारे में बताया गया था। जैसे लाफिंग बुद्धा का काम घर में धन, दौलत, अनाज और प्रसन्नता लाना था और उसे दरवाजे की ओर मुख करके रखना पड़ता था। कछुआ पानी में डूबा कर रखने से कर्ज से मुक्ति, सिक्के वाला तीन टांगों का मेंढक रखने से धन का प्रभाव, चाइनीज ड्रैगन को कमरे में रखने से रोगों से मुक्ति, विंडचाइम लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह, प्लास्टिक के पिरामिड लगाने से वास्तुदोषों से मुक्ति, चाइनीज सिक्के बटुए में रखने ...

आक्रमण के हथियार बदल गए हैं--5 सांस्कृतिक आक्रमण:छिनती जमीन।

आक्रमण के हथियार बदल गए हैं--5 सांस्कृतिक आक्रमण:छिनती जमीन। कभी सोचा है पेड़-पौधे अपने बाल-बच्चे कैसे पैदा करते हैं?उनका मिलन कैसे होता है ? कीट तो जानते हैं न?    अरे वही भिनभिनाते भौरे,गौबड़उरे,तितलिया,भाति-भाति की मक्खीया,मधुमखिया,चींटी...रेगने वाले कीड़े आदि-आदि।कीटो का काम है पौधो और पेड़ो के फूलो से पराग उठाकर दूसरे पौधो की फूलो पर पहुंचा देना।इसे पर-परागण कहते हैं।इसी तरह उनका निषेचन होता है।मतलब की "मिलन,,सेक्स प्रासेस और फिर बीज तैयार हो जाता है।उस बीज से अंकुरित होकर नया पौधा बनता है।फसलों का बीजीकरण इससे ही होता है।हमारा अन्न-दाना-भोजन उसी भी ऐसे ही तैयार होता है।कई पक्षी-जन्तु-पशु भी इसमे सहयोग करते है।लेकिन मुख्य भूमिका कीट-पतंगो की ही होती है।यही जैविक चक्र है।यही प्रक्रिया अरबों साल से चल रही है।हमे पता भी नही चलता की लाखो की संख्या और प्रकार वाले कीट-पतंगो के कारण हमारे जीवन चल रहा है।वे नष्ट हो गई फसल खत्म,पेड़-पौधे समाप्त।यह तो पता ही होगा की पेड़-पौधे ही वर्षा बुलाते हैं। नद्यो वर्षन्ति पर्जन्या: ....वर्षा का आकर्षण तबाह,पर्यावरण-चक्र खत्म हो जाएगा...जगह म...

🌅 *फेंगशुई एक धोखा, भारत को बचाइए* 🌅

🌅 *फेंगशुई एक धोखा, भारत को बचाइए* 🌅 दोस्तों यह किस्सा मेरे नए मकान लेने की खुशी में दी गई पार्टी का है। किसी बड़े शहर में खुद का मकान होना मानो एक सपने की तरह होता है। और अगर यह सपना आपकी जवानी में ही साकार हो जाए तो खुशी दुगुनी हो जाती है। मेरे परिवार ने भी इस खुशी को बांटने के लिए अपने सभी मित्रों और रिश्तेदारों को शाम को डिनर पर बुलाया था। हसी-मजाक और मस्ती के माहौल में रात कैसे हो गई पता ही नहीं चला। शिष्टाचारवश जाते समय मित्रों ने नए घर के लिए उपहार भेंट किए। अगली सुबह जब हमने उपहारों को खोलना शुरू किया तो मेरे आश्चर्य का ठिकाना नहीं था! एक दो उपहारों को छोड़कर बाकी सभी में लाफिंग बुद्धा, फेंगशुई पिरामिड, चाइनीज़ ड्रेगन, कछुआ, चाइनीस फेंगसुई सिक्के, तीन टांगों वाला मेंढक, और हाथ हिलाती हुई बिल्ली जैसी अटपटी वस्तुएं भी दी गई थी।जिज्ञासावश  मैंने इन उपहारों के साथ आए कागजों को पढ़ना शुरू किया जिसमें इन फेंगशुई के मॉडलों का मुख्य काम और उसे रखने की दिशा के बारे में बताया गया था। जैसे लाफिंग बुद्धा का काम घर में धन, दौलत, अनाज और प्रसन्नता लाना था और उसे दरवाजे की ओर मुख कर...

आक्रमण के हथियार बदल गए हैं-6

आज की पोस्ट ये है आक्रमण के हथियार बदल गए हैं-6  '' सांप कभी घर नही बनाते।चूहे बिल बनाते हैं उनमें सांप रहते है।सांप तो उन पर कब्जा करता है,बेचारे चूहे।,,                                       ''अरबी कहावत,    पूरा देश कूड़ा निस्तारण की समस्याओं से गुजर रहा है।हरेक घर में बड़ी मात्रा में कूड़ा निकलता है।छोटे-छोटे सामान, सब्जियो के छिलके,पॉलिथीन,ढेर सारे पेकिंग मेटेरियल,बहुत सारे ऐसे मैटर,जिन्हें हमें ले जाकर फेक ही देना होता है।वह घर के डेली यूज से निकलते हैं और उन्हें कहीं ना कहीं हमें डालना होता है।विदेशो में धीरे-धीरे उन्हें उठाकर दरवाजे के बाहर पड़े कूड़ेदान में डाला जाता है,वहां कोई न कोई सरकारी एजेंसी किसी दूरदराज जगह पर फेकती है।हमारे यहां तो नदी-नालों में डाल देती है। या जो भी करती हो। सरकार की व्यवस्थाएं होती हैं।वह इसके लिए हमसे टैक्स लेती हैं। कई जगह नगर निगम ने व्यवस्थाएं कर रखी होती हैं। नगर निगम,मेट्रोपोलिटन सिटी में भी इंतजाम किये जाते हैं। कई कंपनियों को ठे...

'तकनिकी रूप से पिछड़े हुए देशो का भाषाई शुद्धता का "दुराग्रह" राष्ट्र को सैन्य दृष्टि से निर्बल बना देता है'।

'तकनिकी रूप से पिछड़े हुए देशो का भाषाई शुद्धता का "दुराग्रह" राष्ट्र को सैन्य दृष्टि से निर्बल बना देता है'।  . सोशल मिडिया पर कई कार्यकर्ता हिन्दी को प्रोत्साहन देने के लिए अभियान चला रहे है, जिसका मैं समर्थन करता हूँ। किन्तु कई "हिन्दी जिहादी" कार्यकर्ता अंग्रेजी भाषी भारतीयों पर अंग्रेजियत की लानत भेजते है। उनका मानना है कि "यदि आपको देश से प्यार है तो आपको हिन्दी ही लिखनी चाहिए, हिन्दी ही बोलनी चाहिए और अंग्रेजी का विरोध करना चाहिए"। ऐसा करके वे भारत को सैन्य दृष्टी से कमजोर बनाने का कार्य कर रहे है। . १) भाषा की स्वीकार्यता या फैलाव का भाषा की सरलता या वैज्ञानिकता से कोई लेना देना नहीं है। यह सैन्य शक्ति है, जो किसी भाषा को अपनाने के लिए बाध्य करती है। . २) कैसे अंग्रेजी ने फ़ारसी को चलन से बाहर कर दिया ? संस्कृत भाषा क्यों खत्म हो गयी, और क्यों हिंदी का दायरा भी लगातार सिकुड़ता जाएगा ?  . ३) भारत विविध भाषाओ और संस्कृतियों का देश है अतः किसी एक भाषा पर पूरे देश को सहमत नहीं किया जा सकता। . ४) समाधान - किन कानूनों की सहायता से हम हिन्...

सफल जीवन

एक बेटे ने पिता से पूछा- पापा.. ये 'सफल जीवन' क्या होता है ? पिता, बेटे को पतंग उड़ाने ले गए। बेटा पिता को ध्यान से पतंग उड़ाते देख रहा था... थोड़ी देर बाद बेटा बोला- पापा.. ये धागे की वजह से पतंग और ऊपर नहीं जा पा रही है, क्या हम इसे तोड़ दें !!  ये और ऊपर चली जाएगी... पिता ने धागा तोड़ दिया .. पतंग थोड़ा सा और ऊपर गई और उसके बाद लहरा कर नीचे आयी और दूर अनजान जगह पर जा कर गिर गई... तब पिता ने बेटे को जीवन का दर्शन समझाया... बेटा.. 'जिंदगी में हम जिस ऊंचाई पर हैं.. हमें अक्सर लगता की कुछ चीजें, जिनसे हम बंधे हैं वे हमें और ऊपर जाने से रोक रही हैं   जैसे :             -घर-          -परिवार-        -अनुशासन-       -माता-पिता-        -गुरू-आदि- और हम उनसे आजाद होना चाहते हैं... वास्तव में यही वो धागे होते हैं जो हमें उस ऊंचाई पर बना के रखते हैं.. 'इन धागों के बिना हम एक बार तो ऊपर जायेंगे परन्तु बाद में हमारा वो ही हश्र होगा जो बिन धागे की पतंग का हु...

श्रीसरस्वत्यष्टोत्तर शतनामस्तोत्रम्

श्रीसरस्वत्यष्टोत्तर शतनामस्तोत्रम्॥* _सरस्वती महाभद्रा महामाया वरप्रदा।_ _श्रीप्रदा पद्मनिलया पद्माक्षी पद्मवक्त्रगा॥१॥_ _शिवानुजा पुस्तकधृत् ज्ञानमुद्रा रमा परा।_ _कामरूपा महाविद्या महापातकनाशिनी॥२॥_ _महाश्रया मालिनी च महाभोगा महाभुजा।_ _महाभागा महोत्साहा दिव्याङ्गा सुरवन्दिता॥३॥_ _महाकाली महापाशा महाकारा महाङ्कुशा।_ _सीता च विमलाविश्वा विद्युन्माला च वैष्णवी॥४॥_ _चन्द्रिका चन्द्रवदना चन्द्रलेखाविभूषिता।_ _सावित्री सुरसा देवी दिव्यालङ्कारभूषिता॥५॥_ _वाग्देवी वसुधा तीव्रा महाभद्रा महाबला।_ _भोगदा भारती भामा गोविन्दा गोमती शिवा॥६॥_ _जटिलाविन्ध्यवासा च विन्ध्याचलविराजिता।_ _चण्डिका वैष्णवी ब्राह्मी ब्रह्मज्ञानैकसाधना॥७॥_ _सौदामिनी सुधामूर्तिस्सुभद्रा सुरपूजिता।_ _सुवासिनी सुनासा च विनिद्रा पद्मलोचना॥८॥_ _विद्यारूपा विशालाक्षी ब्रह्मजाया महाफला।_ _त्रयीमूर्ती त्रिकालज्ञा त्रिगुणा शास्त्ररूपिणी॥९॥_ _शुम्भासुरप्रमथिनी शुभदा च सर्वात्मिका।_ _रक्तबीजनिहन्त्री च चामुण्डाचाम्बिका तथा॥१०॥_ _मुण्डकाय प्रहरणा धूम्रलोचनमर्दना।_ _सर्वदेवस्तुता सौम्या सुरासुरनमस्कृत...

किसी को हेमू याद है ?

किसी को हेमू याद है ? ____________________________________________ आपको इतिहास की किताबों ने ये तो बताया होगा कि हुमायूँ के बाद शेरशाह सूरी दिल्ली की गद्दी पर काबिज हुआ, इन्हीं किताबों में आपने ये भी पढ़ा होगा कि हुमायूं ने किसी मल्लाह या भिस्ती को एक दिन के लिये राज सौंपा था जिसने चमड़े के सिक्के चलाये थे, उन्हीं किताबों में आपने शायद ये भी पढ़ा हो कि पृथ्वीराज चौहान दिल्ली की गद्दी पर बैठने वाले अंतिम हिन्दू राजा थे पर इतिहास की किसी किताब ने आपको ये नहीं बताया होगा कि शेरशाह सूरी और अकबर के बीच दिल्ली की गद्दी पर पूरे वैदिक रीति से राज्याभिषेक करवाते हुए एक हिन्दू सम्राट भी राज्यासीन हुए थे जिन्होंने 350 साल के इस्लामी शासन को उखाड़ फेंका था, इन किताबों ने आपको नहीं बताया होगा कि दिल्ली की गद्दी पर बैठने के बाद मध्यकालीन भारत के इस अंतिम हिन्दू सम्राट ने "विक्रमादित्य" की उपाधि धारण की थी, अपने नाम के सिक्के चलवाये थे और गोहत्यारे के लिये मृत्युदंड की घोषणा की थी, इन्होंनें आपको ये भी नहीं बताया होगा कि इस पराक्रमी शासक ने अपने जीवन में 24 युद्ध का नेतृत्व करते हुए 22 में ...

''आक्रमण के हथियार बदल गए हैं-4

''आक्रमण के हथियार बदल गए हैं-4   ""किसी भी राष्ट्र,समाज में संस्कृति की मूल संवाहक-संरक्षक "स्त्रियां और बालिकाएं, होती हैं।वह संस्कृति को अगली पीढ़ी को हस्तांतरित करती हैं।स्त्रियाँ भ्रष्ट संस्कृति  नष्ट,फिर तो राष्ट्र स्वाहा।आंतरिक कमजोर दुश्मन इसलिए स्त्रियों-बच्चो पर मौन और गोपनीय आक्रमण करता है।सदैव सजग रहना ही बचाव है।,,                                             ""आपस्तम्ब,, ""उनका कोमल मन घुसपैठ कर विजय पाने का आसान रास्ता है।,,                                               "कार्लाइल,    हालांकि सभी की सजगता के कारण "रईस, फिल्म बुरी तरह पिट गई..और 10 करोड़ रूपये भी न कमा सकी किन्तु कमाई के झूठे आंकड़े के मीडियाटिक वार के सहारे 'हकला,किसी तरह इज्जत बचा रहा है फिर भी....! साम्राज्य दरकन के बावजूद एक नजर इधर डालें। क्या यह संयोग है...

धर्मवीर हकीकत राय

धर्मवीर हकीकत राय वीर हकीकत राय का जन्म 1720 में सियालकोट में लाला बागमल पूरी के यहाँ हुया।इनकी माता का नाम कोरा था।लाला बागमल सियालकोट के तब के प्रसिद्ध सम्पन हिन्दू व्यपारी थे।वीर हकीकत राय उनकी एकलौती सन्तान थी।उस समय देश में बाल विवाह प्रथा प्रचलित थी,क्योकि हिन्दुओ को भय रहता था कि कहि मुसलमान उनकी बेटियो को उठा कर न ले जाये।जैसे आज भी पाकिस्तान और बांग्लादेश से समाचार आते रहते है।इसी कारण से वीर हकीकत राय का विवाह बटाला के निवासी क्रिशन सिंह की बेटी लक्ष्मी देवीसे बारहा वर्ष की आयु में क्र दिया गया था। उस समय देश में मुसलमानो का राज था।जिन्होंने देश के सभी राजनितिक और प्रशासिनक कार्यो के लिये फ़ारसी भाषा लागु कर रखी थे।देश में सभी काम फ़ारसी में होते थे।इसी से यह कहावत भी बन गई कि ,” हाथ कंगन को आरसी क्या,और पढ़े लिखे को फ़ारसी क्या”। इसी कारण से बागमल पूरी ने अपने पुत्र को फ़ारसी सिखने के लिये मोलवी के पास उसके मदरसे में पढ़ने के लिये भेजा।कहते है और जो बाद में सिद्ध भी हो गया कि वो पढ़ाई में अपने अन्य सहपाठियों से अधिक तेज था, जिससे वो मुसलमान बालक हकीकत राय से घृणा करने लगे। ...

विद्या, ज्ञान का दिवस बसंत पंचमी विशेष

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विद्या, ज्ञान का दिवस बसंत पंचमी विशेष 🐚🐚🐚🐚🐚🐚🐚🐚🐚🐚🐚🐚🐚 माँ सरस्वती का दिवस वसंत पंचमी इस बार 1 फरवरी'2017 के दिन है। माघ शुक्लपक्ष पंचमी के दिन वसंत पंचमी बड़े ही हर्ष एवं उल्लास के साथ मनाया जाता है। मान्यता के अनुसार सर्ष्टि के रचयिता ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना करने के बाद मनुष्य को बनाया, जिसके पास ज्ञान और शब्द नहीं थे , तब उन्होंने अनुभव किया कि नि:शब्द सृष्टि का औचित्य नहीं है, क्योंकि बिना शब्दों के विचारों की अभिव्यक्ति का माध्यम नहीं था और इस कारण ज्ञान का प्रसार नहीं हो पा रहा था। तब उनके द्वारा वसंत पंचमी के ही शुभ दिन में पत्तों पर जल छिड़कने से ही विद्या की अधिष्ठात्री देवी का अवतरण हुआ जिनके एक हाथ में वीणा, दूसरा हाथ में वर मुद्रा और अन्य दोनों हाथों में पुस्तक और माला थी एवं जिनका वाहन मयूर ( मोर) है। माता सरस्वती की वीणा को संगीत का , पुस्तक को विचार का और वाहन मयूर को कला का प्रतीक माना जाता है । इस बार 2017 में वसंत पंचमी 1 फ़रवरी दिन बुधवार को मनाई जाएगी। बसंत पंचमी के पूजा का मुहूर्त = 07:18 से 12:38 तक । विद्या की देवी माँ सरस्वती ...

भारत टैक्स और बजट*

*भारत टैक्स और बजट* भारत में यूँ तो जनता से कर लिया जाता रहा है राज्य व्यवस्था को चलाने के लिए लेकिन मौजूदा कर व्यवस्था का इतिहास आज़ादी की लड़ाई से है । 1857 की क्रांति में अंग्रेजो के पैर लगभग उखड़ गए थे, इसी वजह से 1858 में ईस्ट इंडिया कम्पनी को हटाकर अंग्रेजों की ब्रिटिश सरकार यानि रानी ने स्वयम हुकूमत शुरू की थी 1858 में। 2 1857 की क्रांति की जांच में उन्हें पता चला की भारत के लोग बहुत धनिक हैं और समाज सेवा के लिए बहुत दान करते हैं इसी दान के कारण यह क्रांति हो पाई थी । तो इस दान व्यवस्था पर चोट करने के लिए व् लोगों से अत्यधिक धन छीनने के लिए कई सारे कर के कानून बनाये गए 1860 में । 3 जी हां 1860 में ही लगभग ज्यादातर कर व्यवस्था भारत में पहली बार लागु हुई । इनकम टैक्स 97% (सही पढ़ा आपने 97%) आज़ाद भारत में भी 1970 (यानि 47 से 70 तक कांग्रेस राज में भी) इनकम टैक्स की दर 70% तक रही । अन्य टैक्स भी जैसे एक्साइज ड्यूटी और सेल्स टैक्स 200% cost यानि लागत पर 200% ताकि भारत के उत्पाद महंगे हो जाएं और विदेशी मुद्रा उन्हें मिलनी बन्द हो जाये । आज भारत में जितने भी कर हैं उनमें से 9...

🌧 *क्षमा का जादू

*Happy Thoughts* 🌧 *क्षमा का जादू* *क्षमा माँगने की क्षमता को जानकार हर दुःख से मुक्ति पाएँ* (Say Sorry Within and Be Free) *By सरश्री* *लकीरों से मुक्ति के साधन 2(4)* *'क्षमा' मंत्र का जादू* 🔺 मान  लीजिए, आपके किसी रिश्तेदार ने आपको कोई ख़त भेजा है, उस ख़त में आपके बारे में काफ़ी कुछ उलटा-पुलटा लिखा हुआ है कि 'आप बड़े घमंडी हैं, आपको बोलने की तमीज़ नहीं है, आपको उस दिन मुझे नीचा नहीं दिखाना चाहिए था, आप एहसान फ़रामोश हैं ' ... वगैरह-वगैरह। पूरे ख़त में आपकी बुराई की गई है तो अपने बारे में ऐसी बातें पढ़कर आपको कैसा लगेगा? अवश्य ही दुःख होगा, क्रोध भी आएगा। मन में कितनी लकीरें खिंचने लगेंगी, 'मिले तो सही कभी... फिर देखता हूँ उसे, अच्छे से बताऊँगा कि मैं क्या हूँ...' लेकिन यदि ख़त के अंत में वह इंसान लिखता है, 'मुझे पता है कि तुम बुरे इंसान नहीं हो। काफ़ी सारी अच्छी बातें भी तुममें हैं। चूँकि मेरे मन में तुम्हारे प्रति कुछ गुस्सा भरा था इसलिए मैंने इस ख़त के ज़रिए अपनी सारी भड़ास निकाली। कृपया मुझे क्षमा करना।' सोचें, अब यह पढ़कर क्या होगा? आप अचानक से थोड़...