*योग की भ्रांतियां*, योग के बारे में और उनके जवाब.
योग की भ्रांतियां, योग के बारे में और उनके जवाब. 1. मैं तो स्वस्थ्य हूँ, मुझे योग की क्या जरूरत??* -- योग कोई इलाज नही कि इसे बीमार व्यक्ति ही अपनाये*। योग तो खुशमयी जीवन जीने की कला है।और ईश्वर कृपा से यदि आज हम स्वस्थ है तो भविष्य में भी स्वस्थ्य बने रहने हेतु योग अपनाना आवश्यक है, क्योंकि उम्र के साथ बीमारियाँ अक्सर आती ही है। 2. युवाओं की भ्रान्ति कि योग बहुत धीमी गति से होता है इसलिए बोरियत भरा है??* -- वर्तमान युग की समस्या ही तो गति है। हर मनुष्य भागा जा रहा है भौतिकतावाद की और, विलासिता की और, चकाचौंन्ध की और। और बदले में पा रहा है अनेको बीमारियाँ। योग तो आनन्द की और ले जाने वाली राह है। सही तरीके से सिखाये गए योग से कभी बोरियत नही* हो सकती है। 3. बुजुर्गों की भ्रान्ति की हम तो वृद्ध हो गए है इसलिए नही कर सकते है?? -- योग की यही तो विशेषता है कि *योग बच्चे,बूढ़े, स्त्री, पुरुष, युवा, स्वस्थ्य, बीमार हर व्यक्ति कर* सकता है। योग टीचर का कार्य है कि व्यक्तिगत आवश्यकतानुसार कराएं। 4.सबसे बड़ा प्रश्न की क्या योग से वजन कम होगा?* -- योग से निश्चिन्त तौर पर एवं स्थायी ...