रोग के कीटाणु अब अपने भीतर एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति प्रतिरोधक शक्ति पैदा कर रहे है
रोग के कीटाणु अब अपने भीतर एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति प्रतिरोधक शक्ति पैदा कर रहे है जी । कृपया ध्यान से पढ़े :- हाल ही में एक अमेरिकन स्त्री की मृत्यु एक ऐसे जीवाणु के संक्रमण से हो गयी । जिस पर अब तक ज्ञात सभी ऐंटीबायोटिक बेअसर साबित हुए । उसके अंदर मौजूद निमोनिया के जीवाणु ने एक जीन विकसित कर लिया । जिसके कारण उस पर वर्तमान एलोपैथी की सभी एंटीबीओटिक फ़ैल हो गयी । उस महिला का इलाज़ भारत में हुआ था । इस लिए उस जीवाणु की उत्पत्ति भारत से मानी गयी और इसका कारण भारत में सभी एंटीबीओटिक के अत्यधिक प्रयोग को माना गया। ये क्या हुआ इसको समझने के लिए प्रकृति के सामान्य सिद्धांत को समझ लेते हैं । जहाँ कहीं भी आहार होगा उसको पंचतत्वों (अग्नि,वायु,जल,भूमि,आकाश) में विलीन करने के लिए चारों और से माइक्रोब्स(जीवाणु) सक्रीय हो जाएंगे । और तब तक कार्य करेंगे जब तक विलीनीकरण की क्रिया सम्पूर्ण नहीं हो जाती। उदहारण के लिए यदि हम एक हंडिया में मल भरकर रख देते हैं , तो उसमें जीवाणु और कीड़े पैदा हो...