छठ के बारे में कई प्रश्न हैं। इनके यथा सम्भव समाधान कर रहा हूं-
छठ के बारे में कई प्रश्न हैं। इनके यथा सम्भव समाधान कर रहा हूं- (१) कार्त्तिक मास में क्यों-२ प्रकार के कृत्तिका नक्षत्र हैं। एक तो आकाश में ६ तारों के समूह के रूप में दीखता है। दूसरा वह है जो अनन्त वृत्त की सतह पर विषुव तथा क्रान्ति वृत्त (पृथ्वी कक्षा) का कटान विन्दु है। जिस विन्दु पर क्रान्तिवृत्त विषुव से ऊपर (उत्तर) की तरफ निकलता है, उसे कृत्तिका (कैंची) कहते हैं। इसकी २ शाखा विपरीत विन्दु पर मिलती हैं, वह विशाखा नक्षत्र हुआ। आंख से या दूरदर्शक से देखने पर आकाश के पिण्डों की स्थिति स्थिर ताराओं की तुलना में दीखती है, इसे वेद में चचरा जैसा कहा है। पतरेव चर्चरा चन्द्र-निर्णिक् (ऋक् १०/१०६/८) = पतरा में तिथि निर्णय चचरा में चन्द्र गति से होता है। नाले पर बांस के लट्ठों का पुल चचरा है, चलने पर वह चड़-चड़ आवाज करता है। गणना के लिये विषुव-क्रान्ति वृत्तों के मिलन विन्दु से गोलीय त्रिभुज पूरा होता है, अतः वहीं से गणना करते हैं। दोनों शून्य विन्दुओं में (तारा कृत्तिका-गोल वृत्त कृत्तिका) में जो अन्तर है वह अयन-अंश है। इसी प्रकार वैदिक रास-चक्र कृत्तिका से शुरु होता है। आकाश...