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Showing posts from March 5, 2017

मेरे 800 साल वापिस दो.. (भाग 2)

मेरे 800 साल वापिस दो.. (भाग 2) By आनंद कुमार चालुक्य वंश पिछली पोस्ट में राजा हर्षवर्धन का जिक्र था और ये भी की 300 में से वो सिर्फ एक युद्ध हारे थे | उस एक हार के लिए चालुक्य वंश के राजा जिम्मेदार थे | हाम्पी की वास्तुकला भी इन्ही राजाओं की देन है, और कन्नड़ के एक भाषा के तौर पर विकास के लिए भी ये राजा ज़िम्मेदार हैं | वेश्यावृति को क़ानूनी तौर पे मान्यता देने वाले दुनिया के सबसे शुरुआती राजा भी चालुक्य वंश से थे | पता नहीं कहाँ खो गया इनका जिक्र ? ढूंढें नहीं मिलता आज ! पल्लव वंश पल्लव वंश के राजाओं ने चालुक्य राजा को पराजित कर दिया | शायद हर्षवर्धन से लड़ने के बाद उनकी सैन्य क्षमता कम हो गई होगी | नर्मदा के दक्षिणी हिस्से पर पल्लव वंश का शासन क़रीब 150 वर्ष रहा था | महाबलीपुरम का मंदिर इन्ही राजाओं ने बनवाया था | मंदिर वस्तु कला का अद्भुत नमूना तो है ही साथ ही ये ध्यान देने लायक है की कहा जाता है की मंदिर का काफी हिस्सा समुद्र में डूबा हुआ है | अगर ऐसा है तो आधा जब ऐसा है पता नहीं पूरा कैसा होगा ! जो लोग तमिल लिखते या पढ़ते हैं वो अक्षर ‘पल्लव ग्रन्थ’ के अक्षरों से जन्मे...

मेरे 800 साल वापिस दो.. (भाग 1)

मेरे 800 साल वापिस दो.. (भाग 1) By - आनंद कुमार एक अध्याय है बस, पूरे 800 साल का एक अध्याय !! गुप्त वंश का शाषण काल छठी शताब्दी (AD) में ख़त्म हुआ था और उसके बाद मेरी स्कूल की किताबों में सीधा जिक्र था महमूद गौरी के 1191 से शुरू हुए भारत पर हमले का | इस हमले के बाद भारत में धीरे धीरे इस्लामिक सल्तनत की पैठ शुरू हुई | सातवीं की किताबों में इस बीच के 800 साल का एक अध्याय है | मतलब पांचवी से दसवीं तक में इतिहास का एक अध्याय पूरे 800 साल के लिए ? ये हर्षवर्धन का काल था हर्षवर्धन ने हर्ष वंश की शुरुआत की थी, उनका समय गुप्त वंश के ठीक बाद का है | 16 वर्ष की आयु में आपको चाहे कुछ भी न मिलता हो, न मताधिकार, न विवाह का हक़, गाड़ी चलाने का लाइसेंस भी नहीं लेकिन करीब 606 (AD) में उन्होंने सत्ता संभाली और पूरे उत्तर भारत और पाकिस्तान के इलाके पर कब्ज़ा कर लिया | इन्होंने उस पूरे इलाके को एक कर दिया था जिसका हम आज भी सिर्फ सपना ही देखते हैं | लेकिन ये उनके कारनामों की सिर्फ़ एक बानगी है | अपने 41 वर्ष के शाषण काल में उन्होंने 300 लड़ाइयां लड़ी थी, और उसमे से सिर्फ 299 बार जीत पाए थे ! कोई है ...

माटी और बाप-दादों की पुकार!

माटी और बाप-दादों की पुकार!  by पवन त्रिपाठी,  कजाकिस्तान यूरेशिया में स्थित एक देश है। क्षेत्रफल के आधार से ये दुनिया का नवाँ सबसे बड़ा देश है। एशिया में एक बड़े भूभाग में फैला हुआ यह देश पहले सोवियत संघ का हिस्सा हुआ करता था।मुस्लिम बाहुल्य देश है…उसने अपने कुछ स्थानों पर एक फरमान जारी किया जिसमें नागरिको को अरबी नाम,पहनावें और दाढ़ी रखने से रोक लगा दिया गया..उपासना-पद्दहती और पूजा-स्थल तथा व्यक्तिगत जीवन जीने के तरीके पर कोई भी बदलाव नहीं है..चाहो तो 24 घण्टे करते रहो….और वहां कोई क़यामत नहीं आई,……मुस्लिम जनता सहर्ष पहले से ही स्वीकार करके ख्रुस्तियाना,…जस्तियाना जैसे कजाकी नाम रखाती थी…..वहां की सरकार का कहना है उसने राष्ट्रीयता बढाने व आतंकवाद से बचने के लिए ऐसा निर्णय लिया है…!! तत्कालीन रूस से निकले उजबेकिस्तान में भी लगभग ऐसा ही है…काकेशिया की कहानी तो और भी ज्यादा दिलचस्प है। अब ज़रा “भयोहर-सहोदर,, चीन की पिछले हफ्ते की खबर देखिये। १. चीन ने मुस्लिम महिलाओं के बुरका पहनने पर रोक लगायी। २. चीन ने मुसलमानों को लम्बी दाढ़ी रखने से रोका। ३. चीन ने मुस्लिम ...

*एक औरत को आखिर क्या चाहिए होता है?*

*एक औरत को आखिर क्या चाहिए होता है?* जवाब में एक 10 हज़ार पन्नों की किताब दिखाई जाती है। पर सही जवाब असल में एक लाइन का है। आप भी पढ़िए ये छोटी सी कहानी राजा हर्षवर्धन युद्ध में हार गए। हथकड़ियों में जीते हुए पड़ोसी राजा के सम्मुख पेश किए गए। पड़ोसी देश का राजा अपनी जीत से प्रसन्न था और उसने हर्षवर्धन के सम्मुख एक प्रस्ताव रखा – "यदि तुम एक प्रश्न का जवाब हमें लाकर दे दोगे तो हम तुम्हारा राज्य लौटा देंगे, अन्यथा उम्र कैद के लिए तैयार रहें।" प्रश्न है – एक स्त्री को सचमुच क्या चाहिए होता है ? इसके लिए तुम्हारे पास एक महीने का समय है, हर्षवर्धन ने यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया । वे जगह जगह जाकर विदुषियों, विद्वानों और तमाम घरेलू स्त्रियों से लेकर नृत्यांगनाओं, वेश्याओं, दासियों और रानियों, साध्वी सब से मिले और जानना चाहा कि एक स्त्री को सचमुच क्या चाहिए होता है ? किसी ने सोना, किसी ने चाँदी, किसी ने हीरे जवाहरात, किसी ने प्रेम-प्यार, किसी ने बेटा-पति-पिता और परिवार तो किसी ने राजपाट और संन्यास की बातें कीं, मगर हर्षवर्धन को सन्तोष न हुआ। महीना बीतने को आया और हर्षवर्...

गीता में लिखी ये 10 भयंकर बातें कलयुग में हो रही है सच, ...

गीता में लिखी ये 10 भयंकर बातें कलयुग में हो रही है सच, ... <3 <3.   1.ततश्चानुदिनं धर्मः सत्यं शौचं क्षमा दया ।कालेन बलिना राजन् नङ्‌क्ष्यत्यायुर्बलं स्मृतिः ॥   इस श्लोक का अर्थ है कि कलयुग में धर्म, स्वच्छता, सत्यवादिता, स्मृति, शारीरक शक्ति, दया भाव और जीवन की अवधि दिन-ब-दिन घटती जाएगी.   2.वित्तमेव कलौ नॄणां जन्माचारगुणोदयः ।धर्मन्याय व्यवस्थायां कारणं बलमेव हि ॥   इस गीता के श्लोक का अर्थ है की कलयुग में वही व्यक्ति गुनी माना जायेगा जिसके पास ज्यादा धन है. न्याय और कानून सिर्फ एक शक्ति के आधार पे होगा!     3.  दाम्पत्येऽभिरुचि  र्हेतुः मायैव  व्यावहारिके । स्त्रीत्वे  पुंस्त्वे च हि रतिः विप्रत्वे सूत्रमेव हि ॥   इस श्लोक का अर्थ है की कलयुग में इस्त्री-पुरुष बिना विवाह के केवल रूचि के अनुसार ही रहेंगे. व्यापार की सफलता के लिए मनुष्य छल करेगा और ब्राह्मण सिर्फ नाम के होंगे.   4. लिङ्‌गं एवाश्रमख्यातौ अन्योन्यापत्ति कारणम् ।अवृत्त्या न्यायदौर्बल्यं पाण्डित्ये चापलं वचः ॥   इस श्लोक का अर...

De-Industrialization of India - Part 2 क्या हुआ एक्सपोर्ट क्वालिटी प्रोडक्टस के निर्माताओं का ? मनुस्मृति चुप है इस प्रश्न पर ? क्यों ?

De-Industrialization of India - Part 2 क्या हुआ एक्सपोर्ट क्वालिटी प्रोडक्टस के निर्माताओं का ? मनुस्मृति चुप है इस प्रश्न पर ? क्यों ? बंगाल और बिहार के सांख्यकी अकॉउंट ( S A)और gazetteer से प्रमाण: पटना के SA के अनुसार 1835 तक ईस्ट इंडिया कंपनी पटना में हैंडलूम के कपड़ों के लिए एक केंद्रीय फैक्ट्री (स्टोर रूम) बना रखा था।इसके अतिरिक्त वहां तुसार सिल्क बुनकर और रंगरेज (dyers) रहते थे जो कपड़ों को डाई करके मोटा प्रॉफिट कमाते थे। 1877 आते आते ये इंडस्ट्री खत्म हो गयीं। ज्यादातर बुनकर देशी इस्तेमाल के लिए मोटे कपड़े बनाने लगे थे। ( यानि एक्सपोर्ट बंद ; आमदनी कम या खत्म ) पटना का डिस्ट्रिक्ट ग़ज़्ज़ेटर (DG) भी यही कहानी दोहराता है लेकिन ये भी बताता है कि सूती कपड़ों की बुनाई अब भी लगभग हर गावँ में छोटी मात्रा में होती थी (लेकिन सेन्सस के लिहाज से ये अतिशियोक्ति लगता है ) खासकर पटना शहर में ।मुख्यतः मोटिया या गाजी नामक  का मोटा कपड़ा गरीब लोगों के इस्तेमाल हेतु बनता था। सिल्क निर्माण का काम केवल बिहार subdevision में होता था , जहां इसकी संख्या 200 लूम बताया जाता है ।(फ्रांसिस...

लोकषड़यंत्र - ७

#लोकषड़यंत्र - ७ १७७३ में सिर्फ ३० वर्ष की आयु में #मेयर_रॉथशील्ड ने १२ अन्य धनी और प्रभावशाली लोगों को फ्रैंकफर्ट आमंत्रित किया। (इस समय तक वो Illuminati का सदस्य नहीं हुआ था। वस्तुतः तब Illuminati का ही जन्म नहीं हुआ था।) रॉथशील्ड का उद्देश्य इन लोगों को बुलाकर ये समझाना  था कि यदि वे किसी महत् उद्देश्य के लिए अपने आर्थिक स्रोत उपलब्ध कराते हैं तो भविष्य में सारे विश्व के आर्थिक, प्राकृतिक और मानव संसाधन सदा के लिए उनकी जेब में होंगे। मेयर रॉथशील्ड ने खुलासा किया कि किस प्रकार इंग्लैंड में क्रांति को धनी लोगों ने प्रायोजित कराया था।और काफी खामियों के बावजूद वे लोग राजतंत्र के अधिकार छीनने में सफल रहे थे।जो गलतियाँ इंग्लैंड में हो गई थीं उनसे सीखते हुए अब आगे बढ़ना होगा। सारे यूरोप और फिर समस्त पृथ्वी की अकूत संपदा और सत्ता उनकी प्रतीक्षा कर रही है। पूरी तरह तर्क और तथ्य सम्मत ढंग से रॉथशील्ड ने अपनी योजना को बिंदुवार क्रम से उनके समक्ष रखा। १ - फ्रांस से आरंभ करके पूरे यूरोप में क्रांति के आर्थिक प्रतिफल अबतक के किसी भी सैनिक अभियान से कई गुना अधिक होंगे, बशर्ते कि उप...

लोकषड़यंत्र - ११

#लोकषड़यंत्र - ११ #Edom और #स्वभक्षी_सत्ता Duke De'Orleans  फ्रांस की क्रांति के असली छुपे हुए षड़यंत्र रचयिताओं की पहली पसंद था उसके कई कारण थे, जैसे वह सम्राट का चचेरा भाई था, Nobles यानी विशिष्ट वर्ग में उच्चतर पद पर भी था, धनी था, विचारक था, सत्ता की महत्वाकांक्षा से ग्रस्त था और  सबसे बढ़कर वह फ्रांस की फ्री मेसन शाखा में सर्वोच्च पद पर था #Grand_Master_of_French_Free_Masonry...। मिराबो के माध्यम से ड्यूक को Illuminati की सदस्यता मिल गई। अगले कुछ वर्षों में ड्यूक की हालत भी मिराबो जैसी हो गई। अर्थात्, भारी कर्ज़ और चारित्रिक हनन। उसके कर्ज़ को भी भाईबंदी के हवाले देते हुए चुकता कर दिया गया, ठीक मिराबो की तरह। यहाँ ये समझ लें कि ये वही धन था जो अय्याशियों, जुए और शराबखोरी के चलते इन लोगों ने अपने प्रशिक्षित जुआरियों , वैश्याओं और मदिरा विक्रेताओं के माध्यम से ड्यूक से छीना था। अर्थात् ड्यूक की टोपी ड्यूक के ही सर धरी गई थी। ड्यूक ने अपने यहूदी फायनेंसरों से एक लिखित समझौता किया था कि वे लोग उसकी प्रॉपर्टी और स्टेट का प्रबंधन करने के अधिकारी होंगे। ड्यूक का मह...