लोकषड़यंत्र - ७

#लोकषड़यंत्र - ७

१७७३ में सिर्फ ३० वर्ष की आयु में #मेयर_रॉथशील्ड ने १२ अन्य धनी और प्रभावशाली लोगों को फ्रैंकफर्ट आमंत्रित किया।
(इस समय तक वो Illuminati का सदस्य नहीं हुआ था। वस्तुतः तब Illuminati का ही जन्म नहीं हुआ था।)

रॉथशील्ड का उद्देश्य इन लोगों को बुलाकर ये समझाना  था कि यदि वे किसी महत् उद्देश्य के लिए अपने आर्थिक स्रोत उपलब्ध कराते हैं तो भविष्य में सारे विश्व के आर्थिक, प्राकृतिक और मानव संसाधन सदा के लिए उनकी जेब में होंगे।

मेयर रॉथशील्ड ने खुलासा किया कि किस प्रकार इंग्लैंड में क्रांति को धनी लोगों ने प्रायोजित कराया था।और काफी खामियों के बावजूद वे लोग राजतंत्र के अधिकार छीनने में सफल रहे थे।जो गलतियाँ इंग्लैंड में हो गई थीं उनसे सीखते हुए अब आगे बढ़ना होगा। सारे यूरोप और फिर समस्त पृथ्वी की अकूत संपदा और सत्ता उनकी प्रतीक्षा कर रही है।

पूरी तरह तर्क और तथ्य सम्मत ढंग से रॉथशील्ड ने अपनी योजना को बिंदुवार क्रम से उनके समक्ष रखा।

१ - फ्रांस से आरंभ करके पूरे यूरोप में क्रांति के आर्थिक प्रतिफल अबतक के किसी भी सैनिक अभियान से कई गुना अधिक होंगे, बशर्ते कि उपस्थित सभी लोग उसके भलीभाँति सोचे समझे क्रांति के प्रयोग पर श्रद्धा रखकर सहयोग करें।

२ - योजना को सहारा देने के लिए हर आवश्यक शक्ति को खरीदा जाएगा। ये कार्य उनके सम्मिलित अर्थतंत्र  से होगा।

३ - अपनी सम्मिलित आर्थिक शक्ति से ऐसी परिस्थितियाँ निर्मित की जाएंगी कि राज्य की अधिकांश जनसंख्या बेरोजगारी के मारे भूखों मरने की हालत में आ जाएगी।

४- बहुत चालाकी से पूर्व नियोजित प्रचार द्वारा इस दुर्दशा का ठीकरा सम्राट , चर्च , कोर्ट , कुलीनों और उद्योगपतियों के सिर फोड़ा जाएगा।

५ - भाड़े के विचारकों के दल गुप्त रूप से जनता में सक्रिय होंगे और शासन के विरुद्ध घृणा और प्रतिशोध की भावनाएं उभारने का काम करेंगे।इसके लिए अतिशयोक्तिपूर्ण आरोप, चारित्रिक हनन, अन्याय व दमन के गढ़े हुए भावुक किस्से इत्यादि के साथ उन भृत विचारकों को समाज में प्रवेश कराया जाएगा।

६- बुराई और अनैतिकता के प्रति मनुष्य का नैसर्गिक आकर्षण होता है। लोगों पर शासन करना है तो हिंसा और आतंक की धमक चाहिए बजाय विद्वत्तापूर्ण परिचर्चाओं के।
"कानून अर्थात् शक्ति।"

७- राजनैतिक स्वतंत्रता एक विचार है तथ्य नहीं। राजनैतिक शक्ति को अपनी ओर खींचने के लिए बस इतना ही करना है कि 'उदारवाद' के उपदेश दिए जाएँ ताकि लोग अपनी शक्ति खुद ऐसे उपदेशक के लिए समर्पित कर दें।

८- उद्देश्य की प्राप्ति के लिए साधन की पवित्रता एक हवाई विचार है।
"जो शासन करना चाहते हैं उनमें कुटिलता और विश्वसनीयता का दिखावा कूट कूट कर भरा होना चाहिए। स्पष्टता और ईमानदारी राजनीति में पाप हैं।"

९- शराब, नशीले पदार्थ , नैतिक पतन, और सभी तरह के 'पाप' उनके एजेंट योजनाबद्ध ढंग से समाज में स्थापित करेंगे। इसके लिए स्त्री पुरुष एजेंट प्रशिक्षित किए जाएंगे, ताकि जिस देश में वे जाएँ वहाँ के युवा अपनी आंतरिक शक्ति को खुद नष्ट कर लें।

१०- योजनाबद्ध धोखे की बड़ी महत्ता है। उच्चतर आदर्श भरे नारे, मुहावरे, किस्से एजेंट को प्रशिक्षण में सिखाए जाएं ताकि उनमें वो जनसामान्य को भरमाता रहे।

११-  एक वैश्विक राजनैतिक व्यवस्था की स्थापना अंतिम लक्ष्य है।

इस प्रकार एक outline में रॉथशील्ड ने अपनी भावी योजना रखी। मजेदार बात ये है कि इसमें उपस्थित सभी लोग पूर्वी यूरोप के धनी लोग थे जो इस मीटिंग के बाद रॉथशील्ड के साथ आ गए।  ये सब बैंकर थे।
इस मीटिंग के साथ ही #THE_HOUSE_OF_ROTHSCHIELD नामक एक वृहद् बैंकिंग संस्था का जन्म हुआ जो आगे बहुत बड़ा खेल रचने वाली थी।

#अज्ञेय

#लोकषड़यंत्र - ८

#Lucifer यहूदी और ईसाई धर्मों में शैतान का नाम है। किंतु जैसे सनातन धर्म में कई विरोधाभास एक साथ दिख जाते हैं वैसे ही यहूदी धर्म में भी है।

प्राचीनतम काल से यहूदियों के तंत्रमार्ग #कबाला की एक शाखा लूसिफर की उपासना करती आ रही है । वैसे लूसिफर का प्राचीनतम अर्थ है *प्रकाश का संवाहक*(bringer of light)।
ईसाई जब प्रबल हुए तो उन्होने हर प्राचीन परंपरा को शैतान का पंथ घोषित कर नष्ट कर दिया।
चूंकि स्वयं जीसस भी लूसिफर के अनुयायियों द्वारा स्थापित सिनॉगॉग (उपासना स्थल) को शैतान का मंदिर घोषित कर गए थे अतः यहाँ तर्क की गुंजाइश ही नहीं रही थी।

लूसिफर का पंथ बुरी तरह मिटाया गया। जीवित जलाकर, पत्थर मारकर, सामुहिक हत्याओं द्वारा हर तरह से लूसिफर को मिटाने के प्रयास हुए पर #प्रकाश_का_संवाहक मरा नहीं। उसके साधक छुपकर साधना में लगे रहे।

इधर मैरी मैग्डालिन, जो जीसस की पत्नी और उनकी बेटी की माँ थी, उसके पंथ को भी कैथोलिक चर्च की बुरी नज़र लग गई थी।
#Rosicrucians के रूप में #Rose के रूप में मैरी मैग्डालिन और #Cruce के रूप में जीसस को पूजने पर भी इनके प्रति चर्च नकारात्मक ही रहा। फलतः #Templars के रूप में इन्होने अपने Knights (रक्षक) तैयार किए। फ्रांस का #Templeton_Church इनकी ही देन है।
आज आप चिकित्सा के प्रतीक रूप में जो #Red_Cross देखते हैं वो दरअसल  #Templars का ही धार्मिक चिन्ह है।

लूसिफर के रबाई और रोज़ीक्रूशन के नाइट ईसाई धर्म से लंबे समय उत्पीड़न झेलने के बाद अब साथ आकर जवाब देने का मानस बना चुके थे।

यहूदियों के तंत्रमार्ग कबाला की साधना करने वाले रबाई सर्वश्रेष्ठ ज्ञानी माने जाते रहे हैं। उसमें फिर लूसिफर का पंथ तो विलक्षण ही था। साधना की अवस्था में स्वयं लूसिफर आकर साधक को किसी गोपनीय ज्ञान की उपलब्धि कराता था।

इन्हीं रबाइयों ने ईसाई ईश्वरीय अवधारणा के समूल नाश के उद्देश्य से एक अनीश्वरवादी विचारधारा की परिकल्पना लिख कर सहेज रखी थी।
१८४८ में क्रांति के बहुत बाद में एक अन्य रबाई के विद्रोही पुत्र ने इस परिकल्पना को शब्दशः कॉपी पेस्ट कर दिया और नाम दे दिया
#THE_COMMUNIST_MANIFESTO*.  ...।
वो रबाई पुत्र था #Carl_Marx...।

रॉथशील्ड ने १७७३ में एक बैंकिंग संस्था गठित की थी
#The_House_of_Rothschield जिसका मुख्य उद्देश्य व्यापार नहीं था। जो भी था बहुत घातक था।

#अज्ञेय

#लोकषड़यंत्र - ९
#रॉथशील्ड ने अपने साथ आए सभी धनवानों को कठोरता से और स्पष्ट रूप से समझा दिया था कि दिमाग सिर्फ उसी का चलेगा। "काम करने वाले करेंगे पर हमें किसी भी हालत में अपनी शक्ति प्रदर्शित नहीं करनी है। ऐसे रहना है जैसे हैं ही नहीं।"
१७७६ में एडम वेइज़हाउप्त ने #Illuminati की स्थापना की थी तब उसके उद्देश्य विज्ञान और धर्म में अनुसंधान बताए गए।
मगर १७८५ में जर्मनी के फ्रैंकफर्ट से पेरिस जाते हुए एक घुड़सवार संदेशवाहक पर बिजली गिरी जिसमें घोड़ा और सवार दोनो राख हो गए। पर जाने कैसे उसका चमड़े का बैग बच गया और बवेरियन सुरक्षाबलों ने उसमें वेइज़हाउप्त के हस्तलिखित कुछ दस्तावेज प्राप्त किए जिनमें भविष्य में सारे यूरोप से चर्च और राजवंशों को उखाड़ फेंकने की योजना विस्तार से लिखी थी।
त्वरित प्रभाव से वेइज़हाउप्त के संगठन सहित सभी गुप्त संगठन प्रतिबंधित किए गए।
फ्रांस की क्रांति का गर्भधारण जर्मनी में हुआ।
सम्राट लुइस १६ वें के खास लोगों में एक था ऑर्लियन्स का ड्यूक और एक था काउंट मिराबो।
वेइज़हाउप्त के लुप्त होने के बाद संगठन फ्रांस में विस्थापित हो गया और एक बुद्धिमान प्रोफेसर JJC Bode के नेतृत्व में कार्य आगे बढ़ा।
उन दिनों का Illuminati कोई एक संगठन न होकर अनेकों संगठनों का संगठन था। उसमें Illuminati के अपने परिवार के साथ French Free Masons के लोग भी थे। Templars भी थे। Alchemist Groups भी थे। कवि, लेखक, चित्रकार, दार्शनिक, स्वतंत्र वैज्ञानिक और पता नहीं क्या क्या।
#Illuminati एक महासागर बन रहा था और मनुष्य के मन की समस्त उच्चतर अभिव्यक्तियाँ संगठित असंगठित रूप में इस महासागर की ओर बह रही थीं।
#अज्ञेय

#लोकषड़यंत्र - १०

#Marquis_De_Mirabaeu या काउंट मिराबो एक प्रभावशाली वक्ता था। एक ओर वह सम्राट के चचेरे भाई और प्रिय सलाहकार #Duke_of_Orleans का खास था तो दूसरी ओर जनसंपर्क में रहने के कारण लोकप्रिय भी था।
उसके इसी गुण की वजह से वह सम्राट तक पहुँच बनाने में कामयाब हो गया था। सम्राट और जनता के बीच मिराबो एक अहम कड़ी बन चुका था।

किंतु विशिष्ट वर्ग की कुछ खासियतें मिराबो में भी थीं जो अब उसे मँहगी पड़ रही थीं। खाने पीने और राग रंग की महफिलों के अलावा एक बड़ी कमजोरी मिराबो में थी, खूबसूरत औरतों के लिए पागलपन।  इन कर्मों के कारण १७८६ तक वह भारी कर्ज़ में डूब चुका था।

Illuminati और Rothschield के लिए ये व्यक्ति लूसिफर द्वारा भेजा गया उपहार था। जल्दी ही मित्र रूप में इनके एजेंट मिराबो तक पहुँच बनाने में कामयाब हो गए। मिराबो को #The_House_of_Rothschield की ओर से एक मैत्री संबंध की पेशकश हुई और उसके प्रतिभाशाली वक्ता होने की सराहना करते हुए उसे उसके भारी भरकम ऋण के बोझ से एक झटके में मुक्ति दिला दी गई। #मोज़ेस_मेंडलसन नामक बड़े यहूदी फायनेंसर ने ये पुनीत कार्य स्वयं किया था। आगे चलकर मेंडलसन ने मिराबो को एक यहूदी स्त्री से भी मिलवाया जो बला की खूबसूरत थी , और उतनी ही मर्दमार भी।

ये महिला हर्ज़ नामक व्यक्ति की पत्नी भी थी पर मिराबो को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा। शीघ्र ही वह अपना अधिकांश समय अपने पति के बजाय मिराबो के साथ बिताने लगी।

मेंडलसन के भारी एहसान और मिसेज़ हर्ज़ के बाहुपाश में जकड़ा मिराबो मछली की तरह उनके काँटे को निगल चुका था।
पर वे लोग किसी मंजे हुए चतुर मछेरे की तरह उसे ढील दे देकर उससे खेल रहे थे।

अगला कदम था मिराबो को Illuminati मत में दीक्षित करना। ये बहुत आराम से हो गया। सभी Illuminati दीक्षितों की तरह उसे भी मौत के दर्द का भय महसूस कराकर असीमित आज्ञापालन व गोपनीयता की शपथ दिलाई गई।

इसके आगे का चरण था, "L'Infamie "...। इसके तहत शिकार को ऐसी परिस्थितियों की ओर से जाया जाता है जिनसे सार्वजनिक रूप से उसका चरित्र हनन हो जाए, पर पीछे छुपी ताकतें इतनी गोपनीय रहें कि लगे "सब हो गया.... किया किसीने नहीं।"

स्कैंडलों और आयोजित अफवाहों के प्रहार ने मिराबो की छवि धूल धूसरित कर दी। इससे वह अपने वर्ग के संभ्रांत लोगों के प्रति रोष और प्रतिहिंसा से भर गया। प्रतिशोध की अग्नि ने उसमें इन सबका सर्वनाश कर देने की तीव्र कामना भड़का दी और वो प्रस्तावित क्रांति के प्रति समर्पित हो गया।

मिराबो को दायित्व दिया गया था कि अब वो  Duke De'Orleans या ऑर्लियन्स के ड्यूक को क्रांति के नेतृत्व के लिए तैयार करे।
उसके दिमाग में ये डाला गया था कि एक बार सम्राट को हटा दिया तो फिर ड्यूक फ्रांस का लोकतांत्रिक शासक बन सकता है।

फ्रांस के इन छुपे हुए षड़यंत्र रचयिताओं ने मिराबो और  ड्यूक को हवा तक नहीं लगने दी थी कि ये सम्राट, महारानी व विशिष्ट वर्ग के हजारों लोगों के साथ क्या करने वाले थे।

#अज्ञेय


शेष भाग कल ......

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