म्हारी मां का ज्ञान v/s आज का विज्ञान* *बोहिया छालणा v/s Aluminium foil and Hot Case.*
*म्हारी मां का ज्ञान v/s आज का विज्ञान*
*बोहिया छालणा v/s Aluminium foil and Hot Case.*
राम राम साथियों, नमस्ते, सत् श्री अकाल ☺🙏
मित्रो *बोहिया, छालणा और छीका* याद ही होगा😋☺
नहीं याद तो चलो आज उन अति उच्च कोटि के हर घर के अनिवार्य उपकरणों को याद कर लें। किसान परिवार में जन्म लिया और शिक्षित होणे के लिए घर वालो ने सरकारी स्कूल में दाखिल करा दिया। स्कूल की छुट्टी के समय मां अक्सर खेत में गई हुई मिलती थी। डांगरां खात्यर जड़ी बूटियों युक्त न्यार लाणा उन का रोज का काम था। *वो इतणी बढ्ढी वैज्ञानिक थी कि उनको हर्ब्स के बोटनिकल नाम तो नहीं पता थे पर ये जरूर पता था कि पशुओं के लिए सर्वोत्तम आहार कौन सा है, इस लिए वो स्वयं खेत में जाकर खुद चुन चुन कर पशुओं के लिए *न्यार (शुद्ध ऑर्गेनिक जड़ी बूटियां) लाती थी।* खैर मैं स्कूल से घर आता था तो मुझे भूख लगी होती थी क्योंकि उस टाईम तक ये मिड डे मील बरगी योजना स्कूलों में लागू नहीं हुई थी और हमें घर का पौष्टिक आहार ही मिलता था। स्कूल का बस्ता फैंकते ही सीधा हाथ छीके पर जाता था। छीके पर बोहिए में छालणें में लिपटी देशी घी में ग्यच रोटी रखी होती थी और शक्कर आदि का मुझे पता होता था कि कहां रखी है। *अविकसित बच्चा विकास के पथ पर अग्रसर हो रहा था।*
पूर्ण शिक्षित यानि कैम्स्ट्री में पीएचडी करणे के बाद मैनें दिल्ली के गांव कंझावला में लैड प्रोसेसिंग यूनिट यानि आपणी फैक्ट्री ला ली अर पीसे कमाण ला ग्या। काम के सिलसिले में पीरागढ़ी चौंक पर अखबार के टुकड़े पर कई बार अमृतसरी कुल्चे खाए लेकिन *घरबारण रोटी Aluminium foil म्हं लपेट कै और Hot Case में एक ढिब्बे में दही व दूसरे ढिब्बे में दाल, सब्जी आदि घाल कर देणे लगी थी।* दही ताती व रोटी पसीज जाती थी। दाल व सब्जी अक्सर खिंडी मिलती थी, कई बै रोटी खाण का जी ना करया करदा पर मित्रो *मिल्टन का हॉट केस अर Standard की Aluminium foil अर् कॉन्वेन्ट एजुकेटीड घरबारण के knowledge पर शक भी तो नहीं किया जा सकता था।*
वो दौर भी गुजर गया फेर मैं देश विदेश हांडणे लगा तथा मुझे कई बार Five Star Hotels म्हं बी खाणा खाणे का मौका मिला। उन Five Star Hotels म्हं जितणी बार गया उन में से लगभग सभी में रोटी छालणै म्हं लपेट कर अर बोहिए म्हं धर कर ही परोसी गई।
*ये चक्कर क्या है??? गांव म्हं बोहिए म्हं छालणे म्हं लिपटी रोटी खाणे वाला तो अविकसित (backward, low standard, lower class यानि ग्वांर type) और Five Star Hotels म्हं उसी बोहिए म्हं रखी व छालणै म्हं लिपटी रोटी खाणे वाला विकसित (progressive, high standard, upper class यानि Celebrity type) ???*
दोस्तो मैं ठहरा अणपढ जाट और कैम्स्ट्री म्हं पीएचडी, सोचा चल इस पै ए रिसर्च कर ले। दोस्तो जब रिसर्च करी तो मेरी मां का बोहिया व छालणा जीता व कॉन्टेस्ट एजुकेटीड घरबारण का Hot Case व Aluminium foil हार गी।
Conclusion:- ( बोहिए व छालणै म्हं रोटी रखणे का विज्ञान)
रोटी बनते बनते ही जल वाष्प छोड़णे लग जाती है और वो बनने के कई घंटे बाद तक वाष्प छोडती रहती है। जब हम रोटी को सूती कपड़े व लकड़ी के हवादार बोहिए म्हं रखते हैं तो वो वाष्प रोटी पर ना जम कर वातावरण में विलीन हो जाती है तथा हमारी रोटी पूरा दिन ताजा रहती है। छालणै म्हं लिपटी वो रोटी अगले दिन भी खाई जा सकती है यानि बासी नहीं होती जबकि *Hot Case व Aluminium foil म्हं लिपटी रोटी का जल वाष्प वातावरण म्हं ना जा पांदा, वो वहीं रोटी पर जम जाता है। यह अन्न पर जमा पाणी फफूंदी आदि के पनपने की आदर्श जगह होता है तथा कुछ घंटे बाद ही उस रोटी पर फूही लगणी शुरु हो जाती है जो की जहरीली होती है। इस रोटी को कुछ घंटे बाद खाणे पर Food poisoning का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है।*
Hot Case म्हं दही बी गर्म हो जाते हैं तथा सब्जी आदि ठण्डी। जल वाष्प, पाणी व अन्न, दही सब्जी, दाल व हवा में मौजूद फफूंदी के कण भोजन को जहर बणा देते हैं यानि *बोहिए, छालणे तथा छीके का खाणा उत्तम व स्वास्थय वर्धक खाणा तथा Hot Case व Aluminium foil का खाणा मतलब Food poisoning को न्योंदा।*
अब मर्जी आपकी कि आप Five Star Hotel जैसी facilities avail करणा चाहो सो अक् खुद अर सारै घर आळ्या नै बिमार करणा चाहो सो।
भई फोटू ऑर्गेनिक फार्मर विकास चहल अर अन्य Five Star Hotel के छालणें अर बोहियां के देख ल्यो इतणे, मैं गोबर तैं वैदिक प्लास्टर बण्या ल्युं।
नोटः बेरोजगार दोस्त आज फिर बोहिए व छालणै बणा कै आपणा खुद का कारोबार खड़्या करणा चावैं तै कर सकैं सैं।
आपका आपणा मोलड़ जाट:
डॉ. शिवदर्शन मलिक
वैदिक भवन, शीला बाईपास, रोहतक (हरियाणा)
www.vedicplaster.com
9812054982
*बोहिया छालणा v/s Aluminium foil and Hot Case.*
राम राम साथियों, नमस्ते, सत् श्री अकाल ☺🙏
मित्रो *बोहिया, छालणा और छीका* याद ही होगा😋☺
नहीं याद तो चलो आज उन अति उच्च कोटि के हर घर के अनिवार्य उपकरणों को याद कर लें। किसान परिवार में जन्म लिया और शिक्षित होणे के लिए घर वालो ने सरकारी स्कूल में दाखिल करा दिया। स्कूल की छुट्टी के समय मां अक्सर खेत में गई हुई मिलती थी। डांगरां खात्यर जड़ी बूटियों युक्त न्यार लाणा उन का रोज का काम था। *वो इतणी बढ्ढी वैज्ञानिक थी कि उनको हर्ब्स के बोटनिकल नाम तो नहीं पता थे पर ये जरूर पता था कि पशुओं के लिए सर्वोत्तम आहार कौन सा है, इस लिए वो स्वयं खेत में जाकर खुद चुन चुन कर पशुओं के लिए *न्यार (शुद्ध ऑर्गेनिक जड़ी बूटियां) लाती थी।* खैर मैं स्कूल से घर आता था तो मुझे भूख लगी होती थी क्योंकि उस टाईम तक ये मिड डे मील बरगी योजना स्कूलों में लागू नहीं हुई थी और हमें घर का पौष्टिक आहार ही मिलता था। स्कूल का बस्ता फैंकते ही सीधा हाथ छीके पर जाता था। छीके पर बोहिए में छालणें में लिपटी देशी घी में ग्यच रोटी रखी होती थी और शक्कर आदि का मुझे पता होता था कि कहां रखी है। *अविकसित बच्चा विकास के पथ पर अग्रसर हो रहा था।*
पूर्ण शिक्षित यानि कैम्स्ट्री में पीएचडी करणे के बाद मैनें दिल्ली के गांव कंझावला में लैड प्रोसेसिंग यूनिट यानि आपणी फैक्ट्री ला ली अर पीसे कमाण ला ग्या। काम के सिलसिले में पीरागढ़ी चौंक पर अखबार के टुकड़े पर कई बार अमृतसरी कुल्चे खाए लेकिन *घरबारण रोटी Aluminium foil म्हं लपेट कै और Hot Case में एक ढिब्बे में दही व दूसरे ढिब्बे में दाल, सब्जी आदि घाल कर देणे लगी थी।* दही ताती व रोटी पसीज जाती थी। दाल व सब्जी अक्सर खिंडी मिलती थी, कई बै रोटी खाण का जी ना करया करदा पर मित्रो *मिल्टन का हॉट केस अर Standard की Aluminium foil अर् कॉन्वेन्ट एजुकेटीड घरबारण के knowledge पर शक भी तो नहीं किया जा सकता था।*
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*ये चक्कर क्या है??? गांव म्हं बोहिए म्हं छालणे म्हं लिपटी रोटी खाणे वाला तो अविकसित (backward, low standard, lower class यानि ग्वांर type) और Five Star Hotels म्हं उसी बोहिए म्हं रखी व छालणै म्हं लिपटी रोटी खाणे वाला विकसित (progressive, high standard, upper class यानि Celebrity type) ???*
दोस्तो मैं ठहरा अणपढ जाट और कैम्स्ट्री म्हं पीएचडी, सोचा चल इस पै ए रिसर्च कर ले। दोस्तो जब रिसर्च करी तो मेरी मां का बोहिया व छालणा जीता व कॉन्टेस्ट एजुकेटीड घरबारण का Hot Case व Aluminium foil हार गी।
Conclusion:- ( बोहिए व छालणै म्हं रोटी रखणे का विज्ञान)
रोटी बनते बनते ही जल वाष्प छोड़णे लग जाती है और वो बनने के कई घंटे बाद तक वाष्प छोडती रहती है। जब हम रोटी को सूती कपड़े व लकड़ी के हवादार बोहिए म्हं रखते हैं तो वो वाष्प रोटी पर ना जम कर वातावरण में विलीन हो जाती है तथा हमारी रोटी पूरा दिन ताजा रहती है। छालणै म्हं लिपटी वो रोटी अगले दिन भी खाई जा सकती है यानि बासी नहीं होती जबकि *Hot Case व Aluminium foil म्हं लिपटी रोटी का जल वाष्प वातावरण म्हं ना जा पांदा, वो वहीं रोटी पर जम जाता है। यह अन्न पर जमा पाणी फफूंदी आदि के पनपने की आदर्श जगह होता है तथा कुछ घंटे बाद ही उस रोटी पर फूही लगणी शुरु हो जाती है जो की जहरीली होती है। इस रोटी को कुछ घंटे बाद खाणे पर Food poisoning का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है।*
Hot Case म्हं दही बी गर्म हो जाते हैं तथा सब्जी आदि ठण्डी। जल वाष्प, पाणी व अन्न, दही सब्जी, दाल व हवा में मौजूद फफूंदी के कण भोजन को जहर बणा देते हैं यानि *बोहिए, छालणे तथा छीके का खाणा उत्तम व स्वास्थय वर्धक खाणा तथा Hot Case व Aluminium foil का खाणा मतलब Food poisoning को न्योंदा।*
अब मर्जी आपकी कि आप Five Star Hotel जैसी facilities avail करणा चाहो सो अक् खुद अर सारै घर आळ्या नै बिमार करणा चाहो सो।
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नोटः बेरोजगार दोस्त आज फिर बोहिए व छालणै बणा कै आपणा खुद का कारोबार खड़्या करणा चावैं तै कर सकैं सैं।
आपका आपणा मोलड़ जाट:
डॉ. शिवदर्शन मलिक
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