भगवान_अयप्पा
#भगवान_अयप्पा
विष्णु जी का 9 वां अवतार
केरल में एक जगह है पेरियार टाइगर रिजर्व।
(पेरियार को तो आप जानते ही होंगे ?)
खैर ये बाद में केरल के पतनमथिट्टा जिले के पेरियार टाइगर रिजर्व की पहडियो में मंदिर है #सबरीमाला ये मंदिर है भगवान अयप्पा का। यहाँ कुम्भ मेले से ज्यादा तीर्थ यात्री जाते हैं हर साल यहाँ 10 करोड़ श्रद्धालु आते हैं।
सबरीमाला मंदिर भी भारत के अमीर मंदिरों में आता है सोना ही सोना है इतना जितना अमेरिका के पास नहीं। ये मंदिर है विष्णु जी के 9 वां अवतार भगवान अयप्पा जी का।
गोरे आये तो उन होने गोतम बुद्ध को 9वां अवतार बना दिया। गोतम बुद्ध भी संत थे हिन्दू थे गौतम गोत्र से थे। मगर अवतार नहीं थे। यहाँ इन की चाल गलत पड़ गयी जिस को सुधारने के लिए इन होने इतिहास में तारीखे आगे पीछे कर दी आदि शंकराचार्य को 788 फिर बोद्धओ को हराना आदि कहानियां लिख दी टोटल कनफूजन पैदा कर दिया।
उस समय के गोरे लगे हुए थे हिन्दू धर्म को नीचा करने में जो आज भी बदस्तूर जारी है। कभी भगवा आतंकवाद तो कभी कोई हिन्दू गुरु रेप हत्या के कारण जेल में। 10 करोड़ श्रद्धालु प्रति वर्ष आते हैं तो इस को भी विवादों में फसाओ। वैसे केरल को बर्बाद करने का कारण हिन्दू संस्कृति की मजबूत जड़े है ।
#ayyappa_temple_controversy इस मंदिर को हमेशा विवादों में रखा गया अभी ताज़ा विवाद ये ही की महिलाओ को एंटरी क्यूँ नहीं, #मुल्लापेरियार_बांध जो पेरियार नदी पर है कभी काले इसाईंयो का हिन्दू यात्रियों पर पत्थर मरना। (नाम आएगा पत्थर मारने वाले धर्म का ) कभी बोला जाता है की ये तो गोतम बुद्ध हैं जिन का मंदिर बना दिया। ऐसे ही हजारो विवाद मगर हिन्दू श्रद्धालु की संख्या बढती गयी।
ऐसा ही एक विवाद बताया गया की ये शिव और विष्णुजी के पुत्र है। जब विष्णु जी ने मोहनी रूप धरा तो शिव जी मोहित हो गए और अय्यप्पा जी का जन्म हुआ। इतनी घटिया बात सुन कर लोग खुश होते हैं शिव और विष्णु जी के समलैंगिक सम्बन्ध और समलैंगिक संबंधों की संतान हैं। ये नाटक है अंग्रेजो का जिस में पूरा साथ देते हैं 3 श्री रवि। ये जहर पुराणों में भरा हुआ है । #homosexual_sexual_activities #Section_377 #निजता_का_अधिकार ।
सब मिशनरी का खेल है।
भगवान अयप्पा के बारे में ज्यादा नहीं मिलता और जो मिलता है उस पर भरोसा नहीं होता। केरल से एक नाम जुडा है भगवान् परशुराम का। केरल को बसाने वाले भगवान् परशुराम ही हैं। भगवान् परशुराम का जिक्र रामायण में भी है और महाभारत में भी है ये भीष्म , द्रोणाचार्य व कर्ण के गुरु भी रहे हैं। सरस्वती नदी के सूखने पर ये केरल चले गए थे। इस दोरान भी बहुत कहानिया हैं जिन में से एक क्षत्रियों से पृथ्वी खाली करने वाली भी है ।
तब के समय ही एक राजा हुआ करते थे पांडलम के राजशेखर । कुछ कहते हैं की भगवान अयप्पा उन को नदी किनारे मिले थे। मगर पैदा ही हुए होंगे तो राजा राजशेखर के पुत्र रूप में भगवान अयप्पा का जन्म हुआ ये जब पैदा हुए थे तो इन के गर्दन पर एक मणि लगी हुयी थी जिस वजह से इन का बदन सोने से चमक रहा था जिस वजह से इन का नाम मानिकांतन अय्यप्पन भी था और प्यार से हरी हरा बुलाया जाता था।
भगवान अयप्पा के गुरु थे परशुराम जी वेदों के ज्ञाता अस्त्र शस्त्र शास्त्र के ज्ञाता । #कलरीपायट्टु।
ये युद्ध कला दुनिया की सब से पुरानी युद्ध कला, (कमेन्ट बॉक्स में एक विडिओ लिंक है ) ये युद्ध कला परशुराम जी की ही देन है। परशुराम जी से ज्ञान और युद्ध कला सिखने के बाद भगवान अयप्पा ने बहुत छोटी उम्र में राजकार्य सम्हाल लिया था। बहुत कुछ है इन के बारे में ।
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मेरा मुद्दा ये ही की बहुत बड़ा खिलवाड़ किया गया है हिन्दू संस्कृति के साथ और चतला ही जा रहा है आज भी हिन्दू के दिमाग से खेला जा रहा है । ऐसा ही रहा तो वो दिन दूर नहीं जब भारत ईराक जैसा हो जायेगा फिर अफ्रीका जैसा।
https://m.youtube.com/watch?v=bS8o4iWiCkg&t=420s
जय श्री राम
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मनोज भोज
आपको घोंट घोंट कर पढ़ाया और रटाया गया था कि ब्राह्मणों के अत्याचारों से त्रस्त होकर लोंगो ने 2300 साल पहले बौद्ध धर्म अपनाया था। सबको बस इतना ही याद रहता है और यह सब भूल जाते हैं कि अशोक और तमाम राजाओं ने बौद्ध धर्म को राजधर्म बना कर प्रचारित और प्रसारित किया था। पता नहीं कहाँ से उठा कर यह झूठ पढ़ाया जाता है कि ब्राह्मणों और वैदिक धर्म से उच्चाटन के बाद बुद्ध तपस्या के लिए निकले। हां बच्चों की कहानियों में यह जरुर बताया जाता है कि बुद्ध को दुख बिमारी बुढ़ापा और मृत्यु देख कर वैराग्य हुआ था। लेकिन यह भी कभी नहीं पढ़ाया कि ब्राह्मणों ने ही उन्हें तपस्या के साधन बताये थे, सबसे पहले ब्राह्मण ही बुद्ध के अनुयायी हुए थे और शुरुआती बौद्ध ग्रंथों की रचना ब्राह्मणों ने ही की थी।
फिर वर्तमान किताबों में से वो हिस्सा बेशर्मी से हटा दिया गया जहाँ तुर्कों और मुगलों ने मार मार कर मुसलमान बनाये लेकिन यहाँ भी वैदिक धर्म की जाति व्यवस्था को कट्टर बता कर कटघरे में खड़ा कर दिया गया।
न उपरोक्त मिथ्या पर बहुतों ने दिमाग लगाया न आज रामपाल रामवृक्ष और राम रहीम द्वारा आजाद भारत में पिछले 70 सालों बनाये गये सम्प्रदायों के पीछे के कारण जानने की कोशिश की। लेकिन आज का इतिहास लिखने वाले वामपंथी और दलित साहित्य चिंतक भी इसके लिए ब्राह्मणों और वैदिक धर्म को ही जिम्मेदार ठहरा देंगे। लेकिन लोगों के गिरते हुए बौद्धिक चरित्र और उन सरकारों को कभी जिम्मेदार नहीं ठहरायेंगें जो इन्हें त्वरित लाभ के लिए प्रश्रय देतीं हैं।
आज आजाद भारत में सम्प्रदायों की बाढ़ आयी हुई है। भईया मान लिया जाति व्यवस्था अपनी जगह कायम है पर कौन किस पर अत्याचार कर रहा है जो करोड़ों लोग मूल आस्था को छोड़कर किसी सम्प्रदाय के अनुयायी हो जाते हैं???
समाज निर्माण के लिए अच्छे अध्यापक और उपदेशक चाहिए होते हैं। कुशल अध्यापक और उपदेशकों के लिए वेदों में लिखा है कि उनकी इंद्रियाँ वश में होनी चाहिए। लेकिन इन उपदेशकों पर यह सूक्ति बिलकुल सटीक बैठती है कि "पर उपदेश कुशल बहुतेरे"।
सब धर्मों की खिचड़ी परोसने वाले दूसरों को #इंसा बनाने चल दिए लेकिन वेदों का मूल वाक्य #मनुर्_भवः - - मनुष्य बनो खुद भूल कर अपने को परा शक्तियों की तरह पुजवाने लगे।
देखते हैं आज के वामपंथी इतिहासकार इन वर्तमान घटनाओं के लिए वैदिक धर्म को कैसे जिम्मेदार ठहराता है ।
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विवेक मिश्रा
1- रोम के एक संग्रहालय में आज भी शिवलिंग को रखा है जो कि खुदाई के वक़्त वहां मिला था|
कम्बोडिया पहले हिन्दू राष्ट्र था, अब बौद्ध राष्ट्र है। कम्बोज की प्राचीन दंतकथाओं के अनुसार इस उपनिवेश की नींव ‘आर्यदेश’ के शिवभक्त राजा कम्बु स्वायंभुव ने डाली था| कम्बोडिया में ही भगवान विष्णु का सबसे पुराना मंदिर है। कुछ 1,000 वर्ष पहले भारत से कई लोग कम्बोडिया गए और वहां मंदिरों का निर्माण कराया।
इसके साथ कम्बोडिया में एक प्राचीन शिव मंदिर भी था, जहां से 17 अभिलेख मिले थे, लेकिन उस मंदिर के अब कुछ अवशेष ही शेष रह गए हैं। इसी तरह विष्णु का प्राचीन मंदिन अंगकोर वट सबसे पुराना विष्णु का मंदिर है|
3. 1940 में प्राचीन शिल्प वैज्ञानिक एम.एस. वत्स ने हरप्पा में 3 शिवलिंग पाए और कहा जाता है कि ये शिवलिंग 5000 वर्ष पुराने हैं|
4. मिस्र (Egypt) के कुसैर अल कादीम (Quseir-al-Qadim) में खुदाई के दौरान एक टूटा हुआ जार मिला, जिसे पहली शताब्दी के आस-पास का बताया जाता है| इस पर तमिल ब्राह्मी में कुछ लिखा हुआ है| ब्रिटेन के एक इतिहासकार का कहना यह भी है कि ये बर्तन भारत में बने हुए हैं।
5. ओमान के खोर-रोरी इलाके में हाल ही में एक प्राचीन घड़े का टूटा हुआ अंश मिला है, जिस पर बह्रमी भाषा में लिखा हुआ है| यह भी पहली शताब्दी के आस पास बताया जाता है| इससे इस बात का अनुमान लगाया जाता है कि प्राचीन समय से ही भारत दूर-दूर तक व्यापार करता था|
6. बाली में एक इमारत के निर्माण की खुदाई के दौरान मजदूरों को मंदिर के कुछ अंश मिले जिसके बाद यह खबर बाली के ऐतिहासिक संरक्षण विभाग को दी गई| खुदाई के दौरान एक बहुत बड़ी हिन्दू धर्म से जुडी ईमारत को पाया| इसे 13वीं 15वीं शताब्दी के आस पास बताया जाता है|
7. हिन्दू देवी-देवताओं के मंदिर दुनिया में कई जगह पाए गए| ऐसे ही मानना है कि जहां आज इन्डोनेशियन इस्लामिक यूनिवर्सिटी है, वहां कभी हिन्दू देवी-देवताओं का मंदिर हुआ करता था, जिसमे शिव और गणेश की पूजा की जाती थी| यहां से एक एतिहासिक शिव लिंग भी मिला है|
8. सेंट्रल अमेरिका के Mosquitia क्षेत्र में एक ऐसी जगह है जहां के लोग बंदरों की मूर्तियों की पूजा करते हैं| इसका नाम उन्होंने La Ciudad Blanca दिया है जिसका स्पेनिश में मतलब ‘The White City’ होता है| माना जाता है की इस जगह कभी हनुमान का साम्राज्य हुआ करता था|
9. एक अमेरिकन एडवेंचरर ने लिम्बर्ग की खोज के आधार पर गुम हो चुके ‘Lost City Of Monkey God’ की तलाश में निकले| 1940 में उन्हें इसमें सफ़लता भी मिली पर उसके बारे में मीडिया को बताने से एक दिन पहले ही एक कार दुर्घटना में उनकी मौत हो गई और यह राज़ एक राज़ ही बनकर रह गया|
10. श्रीलंका के मुन्नेस्वरम मंदिर का इतिहास रामायण से जुड़ा है| जब भगवान राम रावण का वध कर लौटने लगे तब उन्होंने इसी जगह भगवान शिव की आराधना की थी|
11. श्री कृष्ण को केवल मथुरा, वृन्दावन ब्रज की भूमि पर नहीं बल्कि दूर-दूर तक पूजा जाता था| इसका साबुत अफ़ग़ानिस्तान के Al Khanoun में कुछ सिक्कों की खोज है| इन सिक्कों पर एक तरफ श्री कृष्ण और दूसरी तरफ बलराम के चित्र बने हैं|
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अजेष्ठ त्रिपाठी✍🏻
विष्णु जी का 9 वां अवतार
केरल में एक जगह है पेरियार टाइगर रिजर्व।
(पेरियार को तो आप जानते ही होंगे ?)
खैर ये बाद में केरल के पतनमथिट्टा जिले के पेरियार टाइगर रिजर्व की पहडियो में मंदिर है #सबरीमाला ये मंदिर है भगवान अयप्पा का। यहाँ कुम्भ मेले से ज्यादा तीर्थ यात्री जाते हैं हर साल यहाँ 10 करोड़ श्रद्धालु आते हैं।
सबरीमाला मंदिर भी भारत के अमीर मंदिरों में आता है सोना ही सोना है इतना जितना अमेरिका के पास नहीं। ये मंदिर है विष्णु जी के 9 वां अवतार भगवान अयप्पा जी का।
गोरे आये तो उन होने गोतम बुद्ध को 9वां अवतार बना दिया। गोतम बुद्ध भी संत थे हिन्दू थे गौतम गोत्र से थे। मगर अवतार नहीं थे। यहाँ इन की चाल गलत पड़ गयी जिस को सुधारने के लिए इन होने इतिहास में तारीखे आगे पीछे कर दी आदि शंकराचार्य को 788 फिर बोद्धओ को हराना आदि कहानियां लिख दी टोटल कनफूजन पैदा कर दिया।
उस समय के गोरे लगे हुए थे हिन्दू धर्म को नीचा करने में जो आज भी बदस्तूर जारी है। कभी भगवा आतंकवाद तो कभी कोई हिन्दू गुरु रेप हत्या के कारण जेल में। 10 करोड़ श्रद्धालु प्रति वर्ष आते हैं तो इस को भी विवादों में फसाओ। वैसे केरल को बर्बाद करने का कारण हिन्दू संस्कृति की मजबूत जड़े है ।
#ayyappa_temple_controversy इस मंदिर को हमेशा विवादों में रखा गया अभी ताज़ा विवाद ये ही की महिलाओ को एंटरी क्यूँ नहीं, #मुल्लापेरियार_बांध जो पेरियार नदी पर है कभी काले इसाईंयो का हिन्दू यात्रियों पर पत्थर मरना। (नाम आएगा पत्थर मारने वाले धर्म का ) कभी बोला जाता है की ये तो गोतम बुद्ध हैं जिन का मंदिर बना दिया। ऐसे ही हजारो विवाद मगर हिन्दू श्रद्धालु की संख्या बढती गयी।
ऐसा ही एक विवाद बताया गया की ये शिव और विष्णुजी के पुत्र है। जब विष्णु जी ने मोहनी रूप धरा तो शिव जी मोहित हो गए और अय्यप्पा जी का जन्म हुआ। इतनी घटिया बात सुन कर लोग खुश होते हैं शिव और विष्णु जी के समलैंगिक सम्बन्ध और समलैंगिक संबंधों की संतान हैं। ये नाटक है अंग्रेजो का जिस में पूरा साथ देते हैं 3 श्री रवि। ये जहर पुराणों में भरा हुआ है । #homosexual_sexual_activities #Section_377 #निजता_का_अधिकार ।
सब मिशनरी का खेल है।
भगवान अयप्पा के बारे में ज्यादा नहीं मिलता और जो मिलता है उस पर भरोसा नहीं होता। केरल से एक नाम जुडा है भगवान् परशुराम का। केरल को बसाने वाले भगवान् परशुराम ही हैं। भगवान् परशुराम का जिक्र रामायण में भी है और महाभारत में भी है ये भीष्म , द्रोणाचार्य व कर्ण के गुरु भी रहे हैं। सरस्वती नदी के सूखने पर ये केरल चले गए थे। इस दोरान भी बहुत कहानिया हैं जिन में से एक क्षत्रियों से पृथ्वी खाली करने वाली भी है ।
तब के समय ही एक राजा हुआ करते थे पांडलम के राजशेखर । कुछ कहते हैं की भगवान अयप्पा उन को नदी किनारे मिले थे। मगर पैदा ही हुए होंगे तो राजा राजशेखर के पुत्र रूप में भगवान अयप्पा का जन्म हुआ ये जब पैदा हुए थे तो इन के गर्दन पर एक मणि लगी हुयी थी जिस वजह से इन का बदन सोने से चमक रहा था जिस वजह से इन का नाम मानिकांतन अय्यप्पन भी था और प्यार से हरी हरा बुलाया जाता था।
भगवान अयप्पा के गुरु थे परशुराम जी वेदों के ज्ञाता अस्त्र शस्त्र शास्त्र के ज्ञाता । #कलरीपायट्टु।
ये युद्ध कला दुनिया की सब से पुरानी युद्ध कला, (कमेन्ट बॉक्स में एक विडिओ लिंक है ) ये युद्ध कला परशुराम जी की ही देन है। परशुराम जी से ज्ञान और युद्ध कला सिखने के बाद भगवान अयप्पा ने बहुत छोटी उम्र में राजकार्य सम्हाल लिया था। बहुत कुछ है इन के बारे में ।
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मेरा मुद्दा ये ही की बहुत बड़ा खिलवाड़ किया गया है हिन्दू संस्कृति के साथ और चतला ही जा रहा है आज भी हिन्दू के दिमाग से खेला जा रहा है । ऐसा ही रहा तो वो दिन दूर नहीं जब भारत ईराक जैसा हो जायेगा फिर अफ्रीका जैसा।
https://m.youtube.com/watch?v=bS8o4iWiCkg&t=420s
जय श्री राम
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मनोज भोज
आपको घोंट घोंट कर पढ़ाया और रटाया गया था कि ब्राह्मणों के अत्याचारों से त्रस्त होकर लोंगो ने 2300 साल पहले बौद्ध धर्म अपनाया था। सबको बस इतना ही याद रहता है और यह सब भूल जाते हैं कि अशोक और तमाम राजाओं ने बौद्ध धर्म को राजधर्म बना कर प्रचारित और प्रसारित किया था। पता नहीं कहाँ से उठा कर यह झूठ पढ़ाया जाता है कि ब्राह्मणों और वैदिक धर्म से उच्चाटन के बाद बुद्ध तपस्या के लिए निकले। हां बच्चों की कहानियों में यह जरुर बताया जाता है कि बुद्ध को दुख बिमारी बुढ़ापा और मृत्यु देख कर वैराग्य हुआ था। लेकिन यह भी कभी नहीं पढ़ाया कि ब्राह्मणों ने ही उन्हें तपस्या के साधन बताये थे, सबसे पहले ब्राह्मण ही बुद्ध के अनुयायी हुए थे और शुरुआती बौद्ध ग्रंथों की रचना ब्राह्मणों ने ही की थी।
फिर वर्तमान किताबों में से वो हिस्सा बेशर्मी से हटा दिया गया जहाँ तुर्कों और मुगलों ने मार मार कर मुसलमान बनाये लेकिन यहाँ भी वैदिक धर्म की जाति व्यवस्था को कट्टर बता कर कटघरे में खड़ा कर दिया गया।
न उपरोक्त मिथ्या पर बहुतों ने दिमाग लगाया न आज रामपाल रामवृक्ष और राम रहीम द्वारा आजाद भारत में पिछले 70 सालों बनाये गये सम्प्रदायों के पीछे के कारण जानने की कोशिश की। लेकिन आज का इतिहास लिखने वाले वामपंथी और दलित साहित्य चिंतक भी इसके लिए ब्राह्मणों और वैदिक धर्म को ही जिम्मेदार ठहरा देंगे। लेकिन लोगों के गिरते हुए बौद्धिक चरित्र और उन सरकारों को कभी जिम्मेदार नहीं ठहरायेंगें जो इन्हें त्वरित लाभ के लिए प्रश्रय देतीं हैं।
आज आजाद भारत में सम्प्रदायों की बाढ़ आयी हुई है। भईया मान लिया जाति व्यवस्था अपनी जगह कायम है पर कौन किस पर अत्याचार कर रहा है जो करोड़ों लोग मूल आस्था को छोड़कर किसी सम्प्रदाय के अनुयायी हो जाते हैं???
समाज निर्माण के लिए अच्छे अध्यापक और उपदेशक चाहिए होते हैं। कुशल अध्यापक और उपदेशकों के लिए वेदों में लिखा है कि उनकी इंद्रियाँ वश में होनी चाहिए। लेकिन इन उपदेशकों पर यह सूक्ति बिलकुल सटीक बैठती है कि "पर उपदेश कुशल बहुतेरे"।
सब धर्मों की खिचड़ी परोसने वाले दूसरों को #इंसा बनाने चल दिए लेकिन वेदों का मूल वाक्य #मनुर्_भवः - - मनुष्य बनो खुद भूल कर अपने को परा शक्तियों की तरह पुजवाने लगे।
देखते हैं आज के वामपंथी इतिहासकार इन वर्तमान घटनाओं के लिए वैदिक धर्म को कैसे जिम्मेदार ठहराता है ।
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विवेक मिश्रा
1- रोम के एक संग्रहालय में आज भी शिवलिंग को रखा है जो कि खुदाई के वक़्त वहां मिला था|
कम्बोडिया पहले हिन्दू राष्ट्र था, अब बौद्ध राष्ट्र है। कम्बोज की प्राचीन दंतकथाओं के अनुसार इस उपनिवेश की नींव ‘आर्यदेश’ के शिवभक्त राजा कम्बु स्वायंभुव ने डाली था| कम्बोडिया में ही भगवान विष्णु का सबसे पुराना मंदिर है। कुछ 1,000 वर्ष पहले भारत से कई लोग कम्बोडिया गए और वहां मंदिरों का निर्माण कराया।
इसके साथ कम्बोडिया में एक प्राचीन शिव मंदिर भी था, जहां से 17 अभिलेख मिले थे, लेकिन उस मंदिर के अब कुछ अवशेष ही शेष रह गए हैं। इसी तरह विष्णु का प्राचीन मंदिन अंगकोर वट सबसे पुराना विष्णु का मंदिर है|
3. 1940 में प्राचीन शिल्प वैज्ञानिक एम.एस. वत्स ने हरप्पा में 3 शिवलिंग पाए और कहा जाता है कि ये शिवलिंग 5000 वर्ष पुराने हैं|
4. मिस्र (Egypt) के कुसैर अल कादीम (Quseir-al-Qadim) में खुदाई के दौरान एक टूटा हुआ जार मिला, जिसे पहली शताब्दी के आस-पास का बताया जाता है| इस पर तमिल ब्राह्मी में कुछ लिखा हुआ है| ब्रिटेन के एक इतिहासकार का कहना यह भी है कि ये बर्तन भारत में बने हुए हैं।
5. ओमान के खोर-रोरी इलाके में हाल ही में एक प्राचीन घड़े का टूटा हुआ अंश मिला है, जिस पर बह्रमी भाषा में लिखा हुआ है| यह भी पहली शताब्दी के आस पास बताया जाता है| इससे इस बात का अनुमान लगाया जाता है कि प्राचीन समय से ही भारत दूर-दूर तक व्यापार करता था|
6. बाली में एक इमारत के निर्माण की खुदाई के दौरान मजदूरों को मंदिर के कुछ अंश मिले जिसके बाद यह खबर बाली के ऐतिहासिक संरक्षण विभाग को दी गई| खुदाई के दौरान एक बहुत बड़ी हिन्दू धर्म से जुडी ईमारत को पाया| इसे 13वीं 15वीं शताब्दी के आस पास बताया जाता है|
7. हिन्दू देवी-देवताओं के मंदिर दुनिया में कई जगह पाए गए| ऐसे ही मानना है कि जहां आज इन्डोनेशियन इस्लामिक यूनिवर्सिटी है, वहां कभी हिन्दू देवी-देवताओं का मंदिर हुआ करता था, जिसमे शिव और गणेश की पूजा की जाती थी| यहां से एक एतिहासिक शिव लिंग भी मिला है|
8. सेंट्रल अमेरिका के Mosquitia क्षेत्र में एक ऐसी जगह है जहां के लोग बंदरों की मूर्तियों की पूजा करते हैं| इसका नाम उन्होंने La Ciudad Blanca दिया है जिसका स्पेनिश में मतलब ‘The White City’ होता है| माना जाता है की इस जगह कभी हनुमान का साम्राज्य हुआ करता था|
9. एक अमेरिकन एडवेंचरर ने लिम्बर्ग की खोज के आधार पर गुम हो चुके ‘Lost City Of Monkey God’ की तलाश में निकले| 1940 में उन्हें इसमें सफ़लता भी मिली पर उसके बारे में मीडिया को बताने से एक दिन पहले ही एक कार दुर्घटना में उनकी मौत हो गई और यह राज़ एक राज़ ही बनकर रह गया|
10. श्रीलंका के मुन्नेस्वरम मंदिर का इतिहास रामायण से जुड़ा है| जब भगवान राम रावण का वध कर लौटने लगे तब उन्होंने इसी जगह भगवान शिव की आराधना की थी|
11. श्री कृष्ण को केवल मथुरा, वृन्दावन ब्रज की भूमि पर नहीं बल्कि दूर-दूर तक पूजा जाता था| इसका साबुत अफ़ग़ानिस्तान के Al Khanoun में कुछ सिक्कों की खोज है| इन सिक्कों पर एक तरफ श्री कृष्ण और दूसरी तरफ बलराम के चित्र बने हैं|
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अजेष्ठ त्रिपाठी✍🏻
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